लालू प्रसाद ने कोसी के बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त ट्रेनें चलाईं, पीयूष गोयल ने किराया लेकर घर पहुंचाया
लालू प्रसाद ने कोसी के बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त ट्रेनें चलाईं, पीयूष गोयल ने किराया लेकर घर पहुंचाया
1 मई को जब यह ख़बर आई कि गृहमंत्रालय ने मज़दूर दिवस के मौके पर श्रमिक स्पेशल चलाने का फ़ैसला हुआ है। यह ख़बर न तो बताई गई और न ही किसी ने जानने का प्रयास किया कि श्रमिक स्पेशल में मुफ्त यात्रा होगी या मज़दूरों से किराया लिया जाएगा। न ही पत्रकारों ने गृहमंत्रालय के नोटिफिकेशन में किराये की लिखी हुई बात पर ज़ोर दिया।
लेकिन द हिन्दू की ख़बर बताती है कि रेल बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार श्रमिक स्पेशल के मज़दूर यात्रियों से किराया और 50 रुपये अतिरिक्त भार लिए जाएंगे। स्लीपर क्लास का किराया लेने की बात कही गई है। इसके अलावा 30 रुपये सुपरफास्ट चार्ज और 20 रुपए अतिरिक्त। कुल 50 रुपये।
आपने बसों को परमिट दिए जाने की ख़बर सुनी होगी। बहुत से मज़दूरो ने 4000 से 5000 रुपये देकर बस यात्रा की है। एक परिवार पर 15 से 20 हज़ार का अतिरिक्त बोझ पड़ा होगा।
सरकार दयावान महान है। किराया लेकर ट्रेन चलाती है। ख़बरें ऐसे छपती हैं जैसे मुफ्त में कृपा बरसाई गई है। बिहार सरकार की उदासीनता के कारण अप्रवासी मजदूरों के घर वापसी इतनी आसान नहीं दिखती है, जिन जिन अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है ज्यादातर नम्बर बन्द बताते हैं और कुछेक नम्बर पर कॉल जाने से अधिकारी उठाते नहीं है, बिहटा पटना के कृष्णा यादव ने बंगलोर से, हिलसा नालन्दा के कंचन यादव तमिलनाडु से, इंद्रदेव यादव शेरघाटी गया गुजरात से, जैसे अनेक अप्रवासी कामगार युवाओं ने फोन कर बताया कि ज्यादातर नम्बर बन्द बता रहा है और कुछ जबाब नहीं दे रहा है, बिहार में नीतीश सरकार के पुलिस प्रशासन लॉक डाउन के नाम पर गरीबों पर लाठियाँ भी बरसाने से नहीं चूक रही है, घोर अराजकता की स्थिति बनी हुई है, नीतीश कुमार जिस दिन से लॉक डाउन हुआ है अपने मुख्यमंत्री आवास की चौखट से पांव तक बाहर नहीं किये वो गरीबों का दुःख दर्द क्या समझ पायेंगें, खाद्दान्न की कमी झेल रहे परिवार के समक्ष भुखमरी के साथ साथ पशुओं को चारा तक उपलब्ध नहीं प्राप्त हो रहा है, माननीय तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कहा है कि हम विपक्ष में होने के नाते सरकार को हर सम्भव सहयोग करने को तैयार हैं, केंद्र सरकार ने ताली थाली पिटबाने और दीया जलाने के बाद अपना पल्ला झाड़ लिया और अब राज्य सरकार पर छोड़ दिया, लेकिन मोदी सरकार अप्रवासी मजदूरों को घर वापसी के नाम पर मनमाना रेल किराया वसूल रही है जबकि मजदूरों की स्थिति किराया चुकाने की नहीं है, ऐसे में केंद्र सरकार मुफ्त रेल से घर वापसी करे और राज्य सरकार मुफ्त साधन उपलब्ध कराए,---श्यामनंदन कुमार यादव, प्रदेश महासचिव राजद बिहार
1 मई को जब यह ख़बर आई कि गृहमंत्रालय ने मज़दूर दिवस के मौके पर श्रमिक स्पेशल चलाने का फ़ैसला हुआ है। यह ख़बर न तो बताई गई और न ही किसी ने जानने का प्रयास किया कि श्रमिक स्पेशल में मुफ्त यात्रा होगी या मज़दूरों से किराया लिया जाएगा। न ही पत्रकारों ने गृहमंत्रालय के नोटिफिकेशन में किराये की लिखी हुई बात पर ज़ोर दिया।
लेकिन द हिन्दू की ख़बर बताती है कि रेल बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार श्रमिक स्पेशल के मज़दूर यात्रियों से किराया और 50 रुपये अतिरिक्त भार लिए जाएंगे। स्लीपर क्लास का किराया लेने की बात कही गई है। इसके अलावा 30 रुपये सुपरफास्ट चार्ज और 20 रुपए अतिरिक्त। कुल 50 रुपये।
आपने बसों को परमिट दिए जाने की ख़बर सुनी होगी। बहुत से मज़दूरो ने 4000 से 5000 रुपये देकर बस यात्रा की है। एक परिवार पर 15 से 20 हज़ार का अतिरिक्त बोझ पड़ा होगा।
सरकार दयावान महान है। किराया लेकर ट्रेन चलाती है। ख़बरें ऐसे छपती हैं जैसे मुफ्त में कृपा बरसाई गई है। बिहार सरकार की उदासीनता के कारण अप्रवासी मजदूरों के घर वापसी इतनी आसान नहीं दिखती है, जिन जिन अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है ज्यादातर नम्बर बन्द बताते हैं और कुछेक नम्बर पर कॉल जाने से अधिकारी उठाते नहीं है, बिहटा पटना के कृष्णा यादव ने बंगलोर से, हिलसा नालन्दा के कंचन यादव तमिलनाडु से, इंद्रदेव यादव शेरघाटी गया गुजरात से, जैसे अनेक अप्रवासी कामगार युवाओं ने फोन कर बताया कि ज्यादातर नम्बर बन्द बता रहा है और कुछ जबाब नहीं दे रहा है, बिहार में नीतीश सरकार के पुलिस प्रशासन लॉक डाउन के नाम पर गरीबों पर लाठियाँ भी बरसाने से नहीं चूक रही है, घोर अराजकता की स्थिति बनी हुई है, नीतीश कुमार जिस दिन से लॉक डाउन हुआ है अपने मुख्यमंत्री आवास की चौखट से पांव तक बाहर नहीं किये वो गरीबों का दुःख दर्द क्या समझ पायेंगें, खाद्दान्न की कमी झेल रहे परिवार के समक्ष भुखमरी के साथ साथ पशुओं को चारा तक उपलब्ध नहीं प्राप्त हो रहा है, माननीय तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कहा है कि हम विपक्ष में होने के नाते सरकार को हर सम्भव सहयोग करने को तैयार हैं, केंद्र सरकार ने ताली थाली पिटबाने और दीया जलाने के बाद अपना पल्ला झाड़ लिया और अब राज्य सरकार पर छोड़ दिया, लेकिन मोदी सरकार अप्रवासी मजदूरों को घर वापसी के नाम पर मनमाना रेल किराया वसूल रही है जबकि मजदूरों की स्थिति किराया चुकाने की नहीं है, ऐसे में केंद्र सरकार मुफ्त रेल से घर वापसी करे और राज्य सरकार मुफ्त साधन उपलब्ध कराए,---श्यामनंदन कुमार यादव, प्रदेश महासचिव राजद बिहार
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