बेकार है मोदी की पीएम केअर फंड---श्यामनंदन कुमार यादव, प्रदेश महासचिव राजद बिहार---
बेकार है मोदी की पीएम केअर फंड---श्यामनंदन कुमार यादव, प्रदेश महासचिव राजद बिहार----covid--19से उपजे वैश्विक विपदा से निपटने की तैयारी को लेकर पीएम मोदी जी ने एक नई केयर फंड की स्थापना की तो लोगों में आस जगी की भला किया प्रधानमंत्री ने, पर उसके परिणाम पर विचार करें तो बड़ी हास्यपद लगती है, पूर्व से पीएम आपदा कोष क्या खाली हो गये थे, क्या उस कोष में संग्रहित राशि बंट गयी जो नई कोष संग्रह की जरूरत पड़ गयी, क्या फुलबामा के शहीदों की बेबा, बच्चों, आश्रितों को राशि देने से खाली हो गयी है?और अगर खाली हो भी गयी थी तो उसे ही जारी नहीं रखी जा सकती थी?पर नई केयर फंड से ही देश वासियों को विपदा में मदद करनी है तो क्या उस राशि के उपयोगिता को पीएम सार्वजनिक रूप से बता सकते हैं कि लॉक डाउन के बाद उक्त फंड में कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी राशि देशवासियों के हित में खर्च की गई?महाराष्ट्र में रेल पटरी पर थका हारा अपने घर वापसी को चलता हुआ गरीब मजदूर बेमौत मारा जाता है, भूख से तड़पता मजदूर अपने रोजगार धंधे को छोड़कर अपने परिवार से मिलने को हजारों किलोमीटर दूरी को अपने नंगे पांव से नापते हुये चल रहा है, रास्ते में दम तोड़ रहा है, क्या यही है नई पीएम केयर फंड का फंडा?कोरोना की मार झेलता देश आज लाखों की संख्या में कोरोना का शिकार की संख्या पार कर गया है, सड़कों पर भूख प्यास से मारे अप्रवासी मजदूर हो या सामान्य जन रास्ते में मर रहे हैं, कोई देखने बाला नहीं ,सीमा पर आतंकी हमले में भारत पुत्र मारे जा रहे हैं, उनकी विधवाओं, बच्चों बेटियों बहनों की चीत्कार भी प्रधानमंत्री की निंद्रा को नहीं तोड़ रही है, मासूम बच्चे भात भात चिल्लाते मा के गोद में दम तोड़ रहे हैं, पर भात नसीब नहीं होते, लेकिन चंद लोगों को मुफ्त में रेवड़ियां बांटी जा रही है, किसान नवजवान, मजदूर तड़प रहे हैं पर पीएम फंड बन रहे हैं और एक अन्धभक्ति सेल बाले कोरोना, शहीदों को धर्म जाति के नाम पर हल्दी मिर्च लगाकर फैला रहे हैं, विधायक, सांसद और वो लोग जो केवल अपनी चेहरे चमकाने और पीएम, सीएम के चहेते बनने के लिए सरकारी कोष जिससे जनता के विकास के लिए दिया गया है उसी राशि को पीएम केयर और सीएम केयर फंड में दान दे रहे हैं, यह तो कोई बहादुरी का कार्य नहीं है, यही राशि को सीधे अगर जनता के भूख मिटाने, उनके चिकित्सा लाभ के लिए किया होता तो ज्यादा लाभकारी और उपयोगी होता, अगर पीएम केयर फंड से मजदूरों के घर वापसी का इंतजाम होता तो आज रेल की पटरी पर बेमौत नहीं मारे जाते, मोदी और उनके कुनबे और बिहार की नीतीश हुकूमत की लापरवाही का नतीजा है कि मजदूर रेल पटरी पर, सड़क पर और भूखे मर रहे हैं, नीतीश कुमार की बदइंतजामी के कारण लाखों युवा बिहार से पलायन कर रहा है, लाखों घरों में आज चीत्कार सुनाई दे रही है, नरेंद्र मोदी और भाजपानीत सरकार covid-19को धर्म जाति के नाम पर बांटकर सरकारी खजाने को लूट रही है, जबकि सरे जमीन पर कोई जनोपयोगी और लाभकारी कार्य नजर नहीं आ रही है, बिहार में खासकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बधाई देना चाहूँगा जिन्होंने मजबूत विपक्ष की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं और लगातार अप्रवासी बिहारी मजदूरों के लिए हर सम्भव सहयोग के लिए तैयार है और बिहार की सरकार को सहयोग देने के लिए तैयार है,
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