सुनियोजित तरीके से विधान पार्षद को तोड़ा गया है।:- श्यामनंदन कुमार यादव, प्रदेश महासचिव राजद, बख्तियारपुर विधानसभा

सुनियोजित तरीके से विधान 
पार्षद को तोड़ा गया है।

सब सुनियोजित तरीके से हो रहा था। मार्च के पहले हफ्ते से ही पलटू राम प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया था। राजद प्रमुख लालू प्रसाद को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई। संजय प्रसाद पहले ही लालू परिवार की कार्यशैली से बागी हो गए थे। राजद की अहम बैठकों से भी उन्होंने खुद को दूर कर लिया था। लोकसभा चुनाव में जदयू के नेता एवं मुंगेर से लोकसभा प्रत्याशी राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के पक्ष में खुलेआम बैटिंग भी की थी। नेतृत्व से सहमति मिलने के बाद राजद में सेंध लगाने की जिम्मेवारी संजय को दी गई।


बहुत मुश्किल था मिशन

मिशन बहुत मुश्किल था क्योंकि राजद के आठ सदस्यों में से सात लालू प्रसाद के अत्यंत करीबी थे। एक तो खुद राज्य माता राबड़ी  देवी ही थीं, जिन्हें छोड़कर बाकी को राजी करना था। रामचंद्र पूर्वे की जनता दल परिवार के प्रति दशकों से वफादारी थी। हाल के दिनों में सुबोध राय ने जिस तरह लालू-राबड़ी के कृपापात्रों में शामिल हो गए थे, उससे उनके ऊपर भी मंत्र काम नहीं कर रहा था। तीनों को छोड़कर बाकी पांच को आजमाया जाने लगा। 

राधा चरण ने दी सबसे पहले सहमति

सबसे पहले राधा चरण सेठ ने सहमति दी। राजद की स्थिति और अपनी संभावना को देखते हुए दिलीप राय और कमर आलम भी बहुत दिनों तक अड़े नहीं रह सके। दो हफ्ते पहले चारों रजामंद हो गए। किंतु बात इससे भी नहीं बन पा रही थी। पांच की संख्या पूरी करने के लिए राजद के एक वरिष्ठ नेता को आजमाया गया। किंतु कामयाबी नहीं मिली तो रणविजय सिंह की घेराबंदी की गई। लालू से निकटता को देखते हुए माना जा रहा था कि रणविजय नहीं मानेंगे। किंतु शुरुआती हिचक के बाद सबसे आसानी से उन्होंने ने ही माना। टूटने से हफ्ते भर पहले सबकी सहमति मिल गई तो कहानी का आखिरी अध्याय लिख दिया गया। -दलबदलू, गद्दार, भाड़े पर लाया गया आदमी को सम्मानित करने पर यही हश्र होता है, कमरे आलम से लेकर ज्यादातर दलबदलू भाड़े पर के प्लयेर थे, समर्पित बफादार, दल के प्रति निष्ठावान, को तरजीह नहीं देने के कारण यह स्थिति उतपन्न होता है, दागदार चेहरे को लाने से यह परिणाम स्वाभाविक है, बाहर के विरोधी की पहचान आसानी से हो जाती है लेकिन दल के अंदर के विरोधी की पहचान थोड़ा मुश्किल होता है, माफी के साथ कहना चाहूँगा इस प्रक्रिया को सख्ती के साथ रोका जाय, वैसे व्यक्ति को दल में5बर्षों तक सेवा ली जाय जो कहीं से आते हों उन्हें तुरत विधायक सांसद नहीं बनाया जाय, आखिर कोई20बर्षों से30बर्षों से पार्टी का झंडा क्यों ढोते हैं, क्या गरीब समर्पित कार्यकर्ता को सम्मानित नहीं किया जा सकता?1990में आदरणीय नेता श्री लालू प्रसाद यादव जी कैसे डॉ मोहन राम जी, भगवतिया देवी जी, और दर्जनों लोगों को जो गरीब थे उनको सम्मानित किया, आज बहुत गम्भीर और मनन योग्य सबाल नेतृत्व से पूछ रहा है, गरीब कार्यकर्ता अपलक निहार रहा है, समर्पित बफादार कार्यकर्ता के अटूट विश्वास के साथ खिलबाड़ नहीं हो, पुनः माफी चाहता हूँ चुकी हमने भी1989से लगातार समर्पित होकर पार्टी का झंडा बुलंद किया है और लालू जी और राजद में अपने आपको समर्पित किया है---श्यामनंदन कुमार यादव, प्रदेश महासचिव राजद, बख्तियारपुर विधानसभा

Comments

most veiw

बंगाल: नंदीग्राम सीट पर हारीं ममता बनर्जी, अब कैसे बनेंगी मुख्यमंत्री, जानें क्या है नियम

_बिना ई पास के घर से निकले तो होंगी कानूनी करवाई जानिए 16 मई से झारखण्ड मे क्या कुछ हो रहा बदलाव अपने मोबाइल से कैसे बनाएं ई पास ....

चक्रवाती तूफान यास बुधवार रात 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं और भारी बारिश के साथ झारखंड की सीमा में पहुंच गया. चक्रवात के कारण गुरुवार दोपहर तक तूफान के चलते कोल्हान इलाके में 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है.