एम्बुलेंस मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर बिहार में सियासी तूफान
एम्बुलेंस मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर बिहार में सियासी तूफान
गिरफ्तारी पर राज्य सरकार के सहयोगी दल भी उठा रहे सवाल।
राजद ने तानाशाह हिटलर से की मुख्यमंत्री नीतीश की तुलना
पटना में मंगलवार की सुबह पूर्व सांसद व जन अधिकार पार्टी के संयोजक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पटना के मंदिरी इलाके में स्थित उनके घर से हुई गिरफ्तारी को लेकर बिहार की राजनीति एकाएक गरमा गई है। सूत्रों के मुताबिक पप्पू यादव की गिरफ्तारी सरकारी काम में बाधा डालने व कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में एफिडेविट एक्ट के तहत हुई है। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ राज्य के विपक्षी दलों के अलावा राज्य सरकार के सहयोगी दल के नेताओं के स्वर भी तेज हो गए हैं। अपने नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ जहाँ जन अधिकार पार्टी के समर्थकों ने गांधी मैदान थाने के बाहर राज्य सरकार व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व रोष-प्रदर्शन किया, वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस पुलिसिया कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना तानाशाह हिटलर से की है। इसके साथ ही राज्य सरकार के सहयोगी दल हिन्दुस्तानी अवामी मोर्च (हम) के अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीवन राम मांझी ने भी पुलिस की इस कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए इसे सरासर गलत करार दिया है तथा इसे आम लोगों के हित के खिलाफ बताया है।
गिरफ्तारी के बीच पप्पू यादव ने नीतीश कुमार को टैग करते हुए एक ट्वीट किया कि '5 घंटे से गांधी मैदान थाने में बैठा रखा है। इतनी देर में कितने लोगों के लिए ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड, रेमडेसिवीर आदि का प्रबंध कर पाता! कितनी जिंदगी बचाने का प्रयास कर पाता!नीतीश कुमार जी जो करना है जल्दी करें। आप भाजपा के दबाव में क्रूरता की हद न पार करें। इतिहास माफ नहीं करेगा।' इसके थोड़ी देर बाद ही पप्पू यादव ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'नीतीश जी प्रणाम, धैर्य की परीक्षा न लें। अन्यथा जनता अपने हाथों में व्यवस्था लेगी, तो आपका प्रशासन सारा लॉकडाउन प्रोटोकॉल भूल जाएगा'।
बताया जाता है कि पुलिस ने पप्पू यादव के खिलाफ सोमवार की रात में ही पटना में एफआईआर दर्ज कर लिया था और मंगलवार की सुबह उन्हें उनके पटना स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पप्पू यादव ने अपनी गिरफ्तारी के तुरंत बाद मीडियाकर्मियों की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में कोई भी जानकारी पुलिस के अधिकारी ही दे सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चाहें राज्य सरकार उनपर लाख जुल्म करती रहे, फिर भी आम लोगों की भलाई के लिए वह लगातार काम करते रहेंगे। भले ही उनकी जान ही क्यों न चली जाए।
खलनायक' से 'नायक' बने पप्पू यादव
यह कहना गलत नहीं होगा कि बीते जमाने के खलनायक के रूप में मशहूर पप्पू यादव आज बिहार के लोगों के बीच एक नायक बनकर उभरे है। यह अलग बात है कि पिछली बार बिहार में बाढ़ के समय सबसे पहले लोगों के बीच पहुंचने व उनकी खुलकर मदद करने के बावजूद बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में उनकी पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली। मगर इसके बावजूद जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव कोरोना के इस दौर में आज आम लोगों के बीच फ्री में खाना, आक्सीजन व दवा बांट रहे हैं। इसके अलावा जरूरतमंदों के बीच पीने का पानी व राशन पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं।
एक तरफ इस भीषण संकट के समय में जहां बिहार के सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर हो गई है। राज्य सरकार इस स्थिति को सुधारने व आम लोगों की मदद करने में विफल साबित हो रही है। सरकार के विभिन्न मंत्री तमाम राजनीतिक दलों के बड़े बड़े नेता अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं, वहीं दूसरी तरफ पप्पू यादव आए दिन कोविड की जंग लड़ रहे लोगों के बीच सही अर्थों में एक 'नायक' बनकर उभरे हैं। हालांकि यह भी एक सच्चाई है कि उनका पहले का रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। एक नेता से ज्यादा उनकी अपराधिक छवि ही रही है। मगर बिहार में पिछली बार आई बाढ़ की विभीषिका के समय में उन्होंने पटना में बाढ़ के पानी में घंटो खड़े रहकर लोगों के बीच राहत पहुंचाने व उनकी मदद करने का काम किया है। उनके इसी कार्य से प्रेरित होकर अपनी पार्टी व सरकार की साख बचाने के लिए तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी उनकी राह पर चल पड़े थे। बाढ़ के पानी में हाफ पैट पहनकर लोगों की मदद के लिए आगे आने की सुशील मोदी की भी तस्वीर मीडिया में आई थी जो चर्चा का विषय भी बनी थी। बहरहाल, इन सबके बीच पप्पू यादव की गिरफ्तारी को लेकर बिहार की राजनीति में क्या उफान आएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। मगर इतना तो कहा जा सकता है कि इसको लेकर नीतीश कुमार की राजग गठबंधन की सरकार कठघरे में खड़ी नजर आ रही है और कोविड प्रबंधन को लेकर उसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसका जवाब उसे आज न तो कल जनता के बीच आकर देना ही होगा। इन सवालों का सामना करने से वह बच नहीं सकती।
रूडी की जगह पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर भी उठे सवाल
आपको बता दें कि पिछले दिनों पप्पू यादव ने भाजपा के सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी के अमनौर स्थित कार्यालय परिसर में इस कोरोना काल में लगभग दर्जनों नई एंबुलेंस बेकार खड़ी करने को लेकर सवाल उठाया था। इसको लेकर पप्पू यादव ने ट्वीट कर दिया कि अभी जिस तरह का माहौल है, ऐसे में लोगों को एंबुलेंस की बड़ी जरूरत है, लेकिन यह यहां ऐसे ही रखी गई हैं। लोगों का कहना है कि इसी मामले को लेकर अमनौर के सीओ ने पप्पू यादव के खिलाफ रविवार को ही लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज कर लिया था। इसके अलावा उनपर एक और मामला दर्ज किया गया था। ऐसे में बिहार में कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि गिरफ्तारी तो सांसद राजीव प्रताप रूडी की होनी चाहिए थी। मगर उसकी जगह राज्य सरकार केंद्र सरकार के इशारे पर बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए आज बिहार में आम लोगों के मसीहा बनकर उभरे पप्पू यादव को एक सोची-समझी साजिश के तहत गिरफ्तार कर अपनी कमजोरी छिपाने की कोशिश कर रही है। पप्पू यादव का गुनाह सिर्फ इतना था कि वह कोविड कुप्रबंधन को लेकर लगातार बीजेपी, बिहार सरकार व केंद्र सरकार की नाकामियों की पोल खोल रहे थे। उसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला, लेकिन यह सब केंद्र में बैठी मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार को इतना बुरा लगा कि पप्पू यादव के खिलाफ सारण जिले में दो केस दर्ज किए गए। पहला मामला लॉकडाउन उल्लंघन का है, जबकि दूसरा मामला रंगदारी मांगने और एंबुलेंस को क्षतिग्रस्त करने का है। इस बारे में लोगों का कहना है कि यह बदले की भावना से उठाया गया कदम है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो आपातकाल अधिक दूर नहीं है।
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